- 62 Posts
- 588 Comments
गरीबों के हितैषी
सज्जनों के प्यारे,
बड़े दिलवाले नेता जी हमारे.
गाँधी टोपी, खादी का चोला
मुस्कुराता चेहरा लगे बड़ा भोला.
नारों के छक्के, वादों का चौका
नहीं चूकते ये कोई भी मौका.
दयालु कहाँ कोई इनके जैसा
हर इलेक्शन बंटवाते हैं पैसा.
चलते सफारी से, रखते जहाज
अपना है इनका ‘वंचित समाज’.
हाथ-पैर जोड़ के
करा लेते वारे-न्यारे,
बड़े दिलवाले नेता जी हमारे.
गुंडों-लुटेरों की आ जाती शामत
जब होती इनकी जब्त जमानत.
मिले नहीं बचपन में स्कूल जाते
जिलाधिकारियों को आज राह दिखाते.
इतना व्यवहारिक ज्ञान है इनका
हर शहर में मकान है इनका.
पच्चीस अदालतों में मुकदमे चलते हैं
क्या करें सब इनसे जलते हैं.
डरती मीडिया, तर्क
देते ऐसे करारे,
बड़े दिलवाले नेता जी हमारे.
नारियों के लिए बहुत कुछ किया है
जो न देना था वो भी दिया है.
बाल मजदूरों को सड़क से उठा के
काम देते अपने घर ला के.
जहाँ कहे जनता वहाँ चल देते हैं
अपना ही कहा कल बदल देते हैं.
बहुत कॉलेजों के ‘गेट’ बनवाए हैं
शिलापट्ट पर नाम लगवाए हैं.
जब तक हैं ये
क्या कर लेंगे हजारे,
बड़े दिलवाले नेता जी हमारे.
(चित्र मैंने खुद बनाया है MS-Paint और फोटोशॉप से अतः भूल-चूक माफ़ करें)
Read Comments