शंखनाद
- 62 Posts
- 588 Comments
जय दुर्गा, दुःख हरने वाली
सबका मंगल करने वाली,
क्यों डरे मन कलियुग से
जब तू निर्भय करने वाली.
आदिशक्ति, चंडिका, भवानी
विंध्यवासिनी, जग कल्याणी,
निर्धन को धनवान बनाती
अज्ञानी हो जाते ज्ञानी.
सज्जनों की तू जीवन दाता
दुर्जनों के लिए काली माता,
भाग्यवान हैं भक्त तेरे
अभागा कहाँ तुझे भज पाता.
महिषासुर वध करने वाली
सबकी झोली भरने वाली,
क्यों डरे मन कलियुग से
जब तू निर्भय करने वाली.
माँ तू करती शेर सवारी
हाथों में चक्र, गदा, कटारी,
सिर पर मुकुट, गले में माला
चरणों में ये सृष्टि सारी.
माँ तुझसे ही वर पा के
बड़े-बड़े महाराज हुए,
तेरी महिमा से पूरे
भक्तों के सब काज हुए.
शांति, सदगुण देने वाली
भक्तों के दिलों में रहने वाली,
क्यों डरे मन कलियुग से
जब तू निर्भय करने वाली.
प्रेम से बोलो
जय माता दी
Read Comments