शंखनाद
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बसे हैं चारों धाम जी
कर लो तुम गुणगान जी,
महिमा उनकी महान जी,
करते हैं सबपे कृपा
मेरे प्रभु हनुमान जी.
रामचंद्र के प्यारे तुम ही
दुनिया के रखवाले,
सुखमय जीवन जीते तेरी
भक्ति करनेवाले.
शंकर के अवतार जी
कर दें भव से पार जी,
वीर, बड़े बलवान जी,
करते हैं सबपे कृपा
मेरे प्रभु हनुमान जी.
भर जाती उनकी झोली जो
तेरे दर पे आते,
नाम तेरा लेते ही भूत-पिशाच
सभी डर जाते.
देते बुद्धि, ज्ञान जी
अर्पित उनको जान जी,
हैं वो बड़े गुणवान जी,
करते हैं सबपे कृपा
मेरे प्रभु हनुमान जी.
(मेरे प्रभु हनुमान की स्तुति)
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